Jiraf-Ne-bachayi-do-jaan : कहानी पढ़े कैसे एक जिराफ ने शेर के मुंह से दो जानों को बचाया
एक बार की बात है एक घने जंगल में एक बड़ा सा शेर रहता था, वाह शेर बहुत खतरनाक था, सारे जानवरों पर अपनी निगाह रख कर तूने एक दिन अपना निवाला बना लेता था, जंगल में शेर का बहुत आतंक मचा हुआ था,
कोई उस शेर के कारण हुआ जंगल छोड़कर दूसरे जंगल जा रहा था,
एक बार उससे ने एक बड़े से जिराफ को जंगल से बाहर जाते देखा, वजीराम बहुत दुखी था उसके साथ एक छोटा जिराफ भी था, फिर शेर को समझते हुए बिल्कुल देर नहीं लगा कि वह छोटा सा जिला उस बड़े जिराफ का बच्चा है,
वह शेर अब उस छोटे जीरा को खाने की तैयारी में था, जिराफ इन सब चीजों से अनजान अपनी धुन में मगन हुए जंगल से बाहर की ओर जा रहा था, रास्ते में जो डालियां उसके नजदीक आती वह उन्हें चलाता हुआ कुछ अपने बच्चे को देता हुआ जाता रहा,
तभी उसके सामने अचानक बसेरा खड़ा हुआ, फिर उस से मात्र 10 मीटर की दूरी पर था, जी रात में शेर को देखकर गहरी सांस भरी, उसे बस अपने बच्चे की चिंता थी, डर से उसके अंदर कई तरह के भागने के रास्ते दिखने लगे,
अब वह अकेला तू नहीं भाग सकता था उसे सबसे पहले अपने बच्चे को भगाना था तब वह शेर से हाथापाई करके थोड़ी देर तक शेर को अपने पास रोके रख सकता था,
लेकिन सबसे पहले उसे अपने बच्चे को भागने के लिए बताना पड़ेगा, कि आखिर उसे किस दिशा में भागना है ताकि वह शेर उसे रास्ते मे पकड़ ना सके,
जिराफ ने अपने बच्चे को पहले से ही तैयार करके रखा था कि अगर रास्ते में शेर मिल जाता है तो उसे इशारे से भागने के लिए कह देगी, जीरा का बच्चा भी इस बात से पूरी तरह सतर्कता में था,
किस जैसे ही मां का इशारा उससे मिले वह कहीं दूर निकल जाए,
सामने शेर को देखते ही उसने अपने बच्चे को इशारा कर दिया, कि वह अब इस जंगल के दूसरे कोने की तरफ दूर निकल जाए,
विराट ने अपने भारी शरीर से शेर की निगाहों को कुछ पलों के लिए ढक लिया, और इसी मौके का फायदा उठाते हुए जिराफ का बच्चा दूर जा चुका था,
शेर ने बच्चे को अपनी आंखों के सामने ओझल देखा, फिर भी उसके सामने एक बड़ा शिकार खड़ा था, इसलिए इस बड़े जिराफ को हाथों से जाने नहीं देना चाह रहा था वह शेर,
जिराफ ने अपने बच्चे को तो बचा लिया मगर अब उसकी जान की बात थी, हां से लगातार बड़े कदमों से जिला की ओर तेजी से बढ़ रहा था, जिराफ के सामने चुनौतियां थी कि वह अब किसी तरह अपनी जान भी बचा ले,
शेर इससे पहले कि हमला करता, जिराफ ने अपने लंबे कदमों के बल पर दौड़ लगाना शुरू कर दिया, दौड़ते दौड़ते वह वापस जंगल की ओर आ पहुंचा,,, वह जंगल के अंदर अपने साथियों के पास जा पहुंचा , उसके साथियों ने पीछे से रास्ता देख कर पीछे हटने की वजह अपने मित्र की सहायता करनी जरूरी समझी,
वह अकेला शेर इतने सारे जिराफ को देख कर असमंजस में पड़ गया,,, हालांकि वह चाहता तो किसी को भी अपना शिकार बना सकता था, मगर जीरा के लंबे कदमों के कारण वह उन तक पहुंच सकने में असमर्थ था
और हार मान कर वह वापस अपने गुफा की ओर चल पड़ा,,,,, थोड़ी देर बाद उस जिराफ का बच्चा भी अपनी मां के पास आ गया
और इस तरह उस जिराफ ने अपनी और अपने बच्चे की जान बचा ली
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