जंगल का ज़ालिम मगरमछ

एक घना जंगल था, उस के बीचो बीच एक बड़ा सा झील  था, या झील चारों तरफ जंगल से घिरा हुआ था झील के अंदर एक बड़ा और मोटा क्रोकोडाइल रहता था, यह क्रोकोडाइल अब तक 50 छोटे जानवरों को और सब बड़े जानवरों को खा चुका था, इसकी भूख बाकी सब मगरमच्छ को से  से कहीं ज्यादा थी,

 

 जब भी उस जानवर के बीचो-बीच कोई पानी पीने के लिए उस तालाब में आता वह उस जानवर को क्रोकोडाइल पकड़ कर खा लेता, और किसी को भनक तक न लगती,

वह बड़ा ही जालिम था, जब तक आक्रमण कर देता, जिसे जानवर बड़ी दुविधा में थे, गर्मी के दिनों में उनकी हालत बेहाल हो जाती क्योंकि डर से पानी पीने भी नहीं जा पाते, पानी के अंदर वह जालिम सिंह मगरमच्छ रहता था,

 एक बार पानी पीने के लिए एक बड़ा सा जिराफ वहां पहुंचा, उसे काफी जोर से प्यास लगी थी, वह किसी तरह हिम्मत करके वहां पहुंचा और जैसे ही उसने अपना सर पानी में डाला, जालिम मगरमच्छ बैठा हुआ झट से फिर आपके पास आ गया, और उसने जीरा के सर को अपने दांतों में दबोच लिया, जिराफ छटपटाता हुआ शिकार करने लगा चिल्लाने लगा,

 मगर किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी, और वो जालिम मगरमच्छ उसके गर्दन के नरम मुलायम मांस को चबाता रहा, जंगल के बीचो बीच होने के बावजूद कोई भी जंगली जानवर उस तालाब में पानी पीने के लिए नहीं जाना चाहता था,

 एक बार एक शिकारी शिकार करने जंगल पहुंचा, शिकार की तलाश मे वे जंगल के बीचो-बीच जा पहुंचा लेकिन उसे कोई शिकार हाथ ना आया, शिकारी अपने समूह में था,
 
 उसके पास जितने भी जल के स्रोत थे सभी खत्म हो चुके थे इसलिए वह तत्काल जल पीने के लिए उस तालाब के निकट पहुंचा, वहां उसने पाया कि छोटे-छोटे और बड़े-बड़े जानवरों के कई सारे अवशेष आसपास पड़े थे, मैं समझ चुका था यहीं कहीं कोई खतरनाक जानवर या जंतु है जो ऐसा कर रहा है,

 उसके समूह ने एक योजना बनायीं, और तालाब के चारों ओर कैमरे लगा दिए, ताकि इन सभी बड़े जानवरों के अवशेषों का असल कारण उसे पता चल सके,

 1 घंटे बाद एक छोटा जीव वहां पानी पीने आया जिससे उस जंगली शिकार ने अपने दांतो तले दबा लिया, वे शिकारियों का समूह सब देख रहे थे,

 और इतने अवशेषों के पीछे का कारण उन्हें अज्ञात हो चुका था, इसलिए वे भी वैसे उस तालाब के निकट नहीं पहुंच गए, जबकि उन सबको जोरदार प्यास लगी हुई थी,

 समूह के एक शिकारी ने कहा इस मगरमच्छ को जल्द से जल्द खत्म कर दिया जाए नहीं तो यह यहां के आसपास के रहने वाले सभी जानवरों को मार डालेगा, एक शिकारी ने बताया कि इस जानवर को हम कहीं और भी शिफ्ट कर सकते हैं, इस तरह सभी शिकारियों ने अपनी अपनी सुझाव देी,
 
 मगर उस जंगल में उस खतरनाक मगरमच्छ को पकड़ना आसान काम नहीं था, उन्होंने पूरी तैयारी करके दोबारा आने की सोची,

 और वे वापस लौट गए, दूसरी सुबह वह पूरी तैयारी के साथ आए एक बड़ी गाड़ी जाल नुकीले हथियार, एक पिस्टल, भी साथ लाए थे, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी होने से रोका जा सके,

 अब उस मगरमच्छ को कब्जे में लेना था और उसे कहीं सुरक्षित स्थान पर छोड़ने का फैसला किया गया था,

 दो-तीन किलोमीटर बाद ही एक बड़ा सा दलदल था जहां पेड़ पौधे और वन्यजीव कम थे तो सब ने वहीं पर उस मगरमच्छ को छोड़ आने का फैसला किया,

 सभी शिकारी दल ने अपनी अपनी पोजीशन ले ली और उस मगरमच्छ का इंतजार करने लगे जैसे वह बाहर आता उसे बेहोशी का इंजेक्शन देकर उसे बाहर निकाल कर उसे गाड़ी द्वारा सुरक्षित उस स्थान पर पहुंचाने का जोखिम लेना था,

 सभी एकटक उस मगरमच्छ को निहार रहे थे, पर मगरमच्छ 2 घंटों तक पानी के भीतर ही था और वह बाहर आने की तभी सोचता ज़ब कोई शिकार सामने पानी पि रहा होता,

 शिकारियों ने उसे पकड़ने के लिए एक बड़ा सा जाल झील में फेंका, उस जाल में लिपटा हुआ मगरमच्छ को बाहर निकाला गया, मगरमच्छ के साथ कई तरह के अन्य जलीय जंतु भी उस जाल में आ गए जैसे दो कछुए 3 बिषैले साँप और ढेर सारी मछलियां भी उस जाल में आ गए,
 मछलियों को शिकारियों ने अपने पास रख लिया सांप और कछुए को पानी में ही छोड़ दिया, आरुष खूंखार मगरमच्छ के झगड़ों को रस्सी से बांधकर दर्जन भर आदमियों की मदद से गाड़ी में रखा गया, क्योंकि वह मगरमच्छ बहुत भारी था,

 फिर उसे ले जाकर उस दलदल में आहिस्ता से छोड़ दिया गया, इस तरह शिकारियों की मदद से जंगल में दोबारा शांति का माहौल बना और सभी जानवर ने चैन की सांस ली 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जंगल का ज़ालिम मगरमछ

hanso-ka-joda-or-saanp : हंसो का जोड़ा और साँप

Bandar-ki-sujhbujh : बंदर की सूझबूझ

Nalayak-bete-ki-kahani : नालायक बेटे और पिता की कहानी

charwaha-or-rakshas : चरवाहा और राक्षस

hanso-ka-joda-or-saanp : हंसो का जोड़ा और साँप