jungli-sher-or-bhaise-ki-kahani : जंगली शेर और भैसे की कहानी

एक भयानक शेर एक बहुत बड़ी जंगल में रहता था, उसे जंगल के बाकी जानवरों से कोई लगाव नहीं था वह जो मिलता उसे खा जाता, वह इसी तरह न जाने कितनी छोटी और मासूम जानवरों को खा चुका था,
 एक बार एक जंगली भैंसा उसके सामने आया, वह उसमें से को देखते ही उसके मुंह से लार टपकने लग गई, वह उस पैसे को जल्द से जल्द खा जाना चाहता था, उसने जैसे ही वैसे पर हमला किया, उसके मुंह में सबसे पहले पैसे के देश से लगी मिट्टी अंदर समा गई,

 शेर ने कहा "अरे यह क्या है "
 जबकि वह भैसा दर्द से कराह रहा था,
 क्योंकि शेर  का एक दांत वैसे के देह में जा गडा,
 वह भैसा अभी भी भागने की तैयारी में था जबकि शेर उसे अपने हाथ से जाने नहीं देना चाह रहा था,

 भैंसा पूरी तरह से मिट्टी से लथपथ था, वह किसी दलदल से दुख कराया था इसलिए उसके दिल पर मोटी मोटी दलदल की मिट्टी सनी हुई थी,
 भैंसा बस किसी तरह जान बचाने के लिए हाथ पैर मारने लग गया जबकि शेर के साथ उसके बाकी दोस्त भी उसका साथ देने आ गए,

 वैसे किसी तरह दिल की बात से अपना बदन छुड़ाकर भागा और शेर भी उसके पीछे भागे वैसे ज्यादा देर नहीं भाग पाया और एक जगह फिर लड़ा कर गिर गया जिसका फायदा शेर को हो गया और सभी भूखे शेर ने एक-एक करके अपनी भूख मिटाई,

 ऐसे कैसे बदन में लगी मिट्टी के साथ एक विषैला पदार्थ भी शेर के पेट में चला गया, आज थोड़ी देर बाद ही सभी शेर अस्त-व्यस्त हो गया, या विषैला पदार्थ और कुछ नहीं जंगली घास थे जो कि जरूरत से ज्यादा विषैले थे,और किसी की भी जान लेने में सक्षम थे,

 एक-दो दिन के बाद सभी शेर भी एक-एक करके मारे गये, अगर वैसे ही उस भैसे को नहीं मारते, और ना हीं उसका मांस खाते तो उनकी भी जान बच जाती,

शिक्षा :- बुराई का अंत बुरा ही होता है,



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