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Nalayak-bete-ki-kahani : नालायक बेटे और पिता की कहानी

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ब्यापारी पिता और बेटे की कहानी :- एक बुजुर्ग दंपत्ति अपने इकलौते बेटे के साथ शहर के सबसे आखरी छोर पर रहते थे, उस जगह से जंगल मात्र 15 मीटर की दूरी पर थी,बेटे का नाम दिनेश था,वह एक लकड़ी का कारीगर था,,,, मगर उसे कामकाज में ज्यादा मन नहीं लगता,  दिनेश के पिता का लकड़ी का व्यापार था.... बड़े बड़े पेड़ों को काटकर लकड़ियां बनाई जाती और लकड़ियों से मेज कुर्सियां इत्यादि बनाई जाती,  दंपति जब अपने बुढ़ापे के आखिरी दिनों में था तो उसने अपने नालायक बेटे को बुलाकर अपनी पूरी जिम्मेदारी उसे सौप दी, क्योंकि उसके पास इसके अलावा और कोई चारा नहीं था उसका एक ही बेटा था मगर उसपर उसे भरोसा कम था इसलिए अब तक उसने अपनी जिम्मेदारियों से नहीं दी थी नाही अपने कामकाज में उसे शामिल किया था क्योंकि पिता को लगता था कि मेरा बेटा बिल्कुल नालायक है और वह यह सब काम नहीं कर सकता,  परंतु आप अपने आखिरी दिनों में जब उसने अपने बेटे को बुलाकर सारी जिम्मेदारी सौंपी,,, तब उसे उम्मीद थी कि वह सब बर्बाद कर देगा,  क्योंकि इससे पहले उसने कोई कामकाज सही से नहीं किया था, इस कारण पिता और बेटे की अच्छी न...